
राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे पहुंची गिरिराज जी की शरण ,राजस्थान की गहलौत सरकार ने रोकी विकास की योजनाएं ,वसुंधरा की धार्मिक यात्रा में जुटा नेताओं का हुजूम
राजस्थान संपादक उत्तर प्रदेश प्रभारी एवं ब्यूरो चीफ
यतेन्द्र पाण्डेय्
राजस्थान उत्तर प्रदेश ब्रज क्षेत्र पूंछरी का लौड़ा सहित गोवर्धन से
मनीष शर्मा की रिपोर्ट
गोवर्धन — राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने दो दिवसीय धार्मिक दौरे के पहले दिन रविवार को गिरिराज जी की शरण में पहुंचकर पूजा अर्चना की। उन्होंने गिरिराज जी की परिक्रमा के अंतर्गत राजस्थान सीमा के गांव पूंछरी में सभा को भी सम्बोधित किया। उनके स्वागत सत्कार में हजारों लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। वहीं उनके साथ राजनीति से जुड़े सैकड़ों नेता भी शामिल हुए। राजस्थान की राजनिति में वसुंधरा के इस दौरे को शक्ति प्रदर्शन के रूप में भी देखा जा रहा है। रविवार की सुबह उनका
हेलीकॉप्टर पूंछरी में निर्धारित समय से सवा घण्टा देरी से पहुंचा। उनके पहुंचते ही हेलिकॉप्टर पर ही हजारों लोग पहुँच गये वही हेलीकॉप्टर से लेकर सभा स्थल तक उनका स्वागत किया गया। उन्होंने पूंछरी में अपने संबोधन की शुरूआत गिरिराज महाराज के जयकारे से की। उन्होंने कहा कि वे अपना जन्मदिन मनाने आयी हैं और बिना परिवार के तीर्थ अधूरा रहता है। उनके
सामने बैठी जनता ही उनका परिवार है। यही परिवार उनके साथ देखकर खुशी हो रही है। उन्होंने कहा कि जब उनकी सरकार थी तो ब्रज विकास की योजनाओं के लिए दो सौ करोड़ रुपये खर्च किये। इसके कारण जनसुविधा के लिए सड़क, पुल, बाईपास, द्वार आदि का निर्माण किया गया। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के लिए मोदी जी ने रास्ता प्रशस्त किया है।
भगवान श्रीकृष्ण की भूमि से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए पत्थर जा रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने विकास की योजनाओं को रोक दिया है। गिरिराज जी के आशीर्वाद से पुनः भाजपा की सरकार बनेगी। इसके बाद उन्होंने श्रीनाथ जी के मंदिर में खीचड़ी प्रशाद वितरित किया वही, जतीपुरा के मुखारविंद मन्दिर व दानघाटी के गिरिराज जी मन्दिर में
पूजा अर्चना की। दानघाटी मन्दिर में उनको पूजा अर्चना रामेश्वर पुरोहित ने कराई। इस अवसर पर राजस्थान सरकार के पूर्व केबनेट मंत्री यूनुस खान, पूर्व प्रदेश अध्य्क्ष अशोक परनामी, डॉ रामेश्वर, कान्हा चौधरी, जवाहर सिंह बेड़म, ऋतू बनावट, कृष्णेनेन्द्र दीपा कोर आदि मौजूद थे।।