हिंदुओं के प्रति पैदा किया जा रहा भय का माहौल, विश्व हिंदू परिषद ने दिया ज्ञापन

ब्यूरो चीफ आर के जोशी

बरेली_देश में हिंदुओं के प्रति डर का माहौल पैदा किया जा रहा है। देश एक विकट परिस्थिति से जूझ रहा है। इस मामले को लेकर आज विश्व हिन्दू परिषद के पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन देते हुए बताया देश में जिहादी तत्व घृणा और आतंक का वातावरण पैदा कर रहे हैं। कभी सर तन से जुदा गैंग सक्रिय होता है तो कभी लव जिहाद या जिहाद के अन्य प्रकारों से हिंदू समाज को आतंकित करने का षड्यंत्र किया जा रहा है।

हिंदू संगठनों, उनके कार्यकर्ताओं और हिंदू नेताओं पर हमले कर उनकी हत्या करने की कई घटनाएं सामने आई हैं। 8 जनवरी, 2023 को असम के करीमगंज जिले के लोविरपुरा में बजरंग दल के एक 15 वर्षीय कार्यकर्ता शंभू कैरी की एक जिहादी द्वारा चाकू से गोदकर निर्मम हत्या कर दी गई। पिछले 2 वर्षों में ही बजरंग दल के 9 कार्यकर्ताओं की हत्या हुई हैं और 32 कार्यकर्ताओं पर हमले हुए हैं। जो घटना अभी दिल्ली में हुई है वह भी चिंता पैदा करती है जिसमें दो हत्यारों ने एक हिंदू की निर्मम हत्या कर दी और उसके 32 टुकड़े करने के बाद कहा कि उसके निशाने पर कई हिंदू नेता भी है। आतंक फैलाने के लिए किए गए इन हमलों में दो नई रणनीतियां सामने आ रही हैं।

हमलों के लिए नाबालिगों को आगे किया जा रहा है जो बकरों की कुर्बानी और मदरसों की शिक्षा के कारण पहले से ही क्रूरता और घृणा से कूट-कूट कर भरे होते हैं। कई घटनाओं में उन्होंने हत्या करने वाले गैंग को भी सुपारी दी है, जैसा कि दिल्ली के हत्याकांड से स्पष्ट हुआ है। केंद्र सरकार को आग्रह करें कि घृणा फैलाने व झूठे विक्टिम कार्ड खेलकर मुस्लिम समाज को भड़काने वाले मौलवियों व नेताओं पर नियंत्रण करने के लिए एक कठोर कानून बनाएं। साथ ही इन हमलों में सम्मिलित अवयस्कों को वयस्क के समान माना जाए। जिससे अवयस्कों को मिलने वाला संरक्षण क्रूर हमलावरों और हत्यारों को न मिल सके।

हिंसा के लिए प्रेरित करने वाले तत्व विभिन्न नामों से सामने आते रहते हैं। सिम्मी, पीएफआई, सिटीजन फोरम आदि केवल नाम हैं। प्रेरक तत्व जिहादी विचारधारा है जिस पर रोक लगाने के लिए एक आवश्यक कठोर कानून बनाना चाहिए। घृणा का वातावरण बनाने में मदरसों का बड़ा योगदान है। उन पर नियंत्रण की प्रभावी व्यवस्था बनानी चाहिए, यह समय की मांग है। इस दौरान अगमवीर, शिवम, अजय संजीव आदि मौजूद रहे।

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