
कोरोना काल में बच्चों को निशुल्क शिक्षा देकर शिक्षा की अलख जगा रहे हैं रिटायर्ड शिक्षाकर्मी
राजस्थान संपादक,
व्यूरो चीफ, यतेन्द्र पाण्डेय्
शाहाबाद, बारां कोटा से
भुवनेश भार्गव की रिपोर्ट
शाहाबाद — कस्बे के राजपुर रोड पर आप सुबह सवेरे जाएं तो वहां आपको एक पेड़ के नीचे स्कूल चलता नजर आएगा आप सोचेंगे कोरोना काल में जब सभी स्कूल बंद है यह स्कूल कैसे संचालित है तो आपको बता दें यह मोहल्ला पाठशाला है जो एक दर्जन से अधिक बच्चों को शिक्षा का उजियारा दे रही है और इस पाठशाला में पढ़ाने का काम कर रहे हैं रिटायर
शिक्षाकर्मी कैलाश चन्द नामदेव जिन्हें लोग और बच्चे बाबूजी नाम से जानते हैं। इस पाठशाला में सभी तरह के बच्चे हैं जो अलग-अलग कक्षाओं के हैं और अलग-अलग विद्यालयों के हैं यहां तक की इंग्लिश मीडियम हिंदी मीडियम के बच्चे भी इसमें शामिल हैं इस
पाठशाला का संचालन कर रहे अध्यापक ने बताया कि लॉकडाउन में कोरोना की वजह से जब बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं और लॉकडाउन के कारण स्कूल बंद है तो बच्चे पढ़ाई से भी दूर हो रहे हैं ऐसे में उन्हें शिक्षा से जोड़ने के लिए उन्होंने यह पहल की है इनके विद्यालय में लगभग एक दर्जन बच्चे हैं जिनमें कक्षा 1 से लेकर कक्षा 5 तक के अलग-अलग कक्षाओं के
बच्चे शामिल है और अध्यापक इन्हें नियमित रूप से 2 घंटे की क्लास लगा कर सामान्य हिंदी सामान्य गणित तथा अन्य सामान्य विषयों की पढ़ाई बच्चे भी क्लास में आकर काफी खुश हो रहे हैं यहां आने वाले बच्चों को हाथ धोकर और दूरी बना कर बिठाया जाता है ताकि कोरोना गाइडलाइन की पालना हो सके। अध्यापक कैलाश चंद नामदेव ने बताया कि उन्हें यह प्रेरणा बच्चों को खेलते हुए देखकर मिली वे सुबह मॉर्निंग वॉक के लिए आते हैं उस दौरान इन बच्चों को आस-पास ही खेलते पाया तो उन्होंने बच्चों से बात की और पढ़ाई के बारे में जानकारी ली बच्चों का मन भी टटोला तो कुछ बच्चे पढ़ाई के लिए तैयार हो गए बस फिर क्या था यह जुट गए तैयारियों में और दूसरे दिन से ही पेड़ के नीचे एक बाडे में क्लास चालू कर दी धीरे-धीरे बच्चे भी बढ़ते चले गए आज लगभग एक दर्जन से अधिक बच्चे यहां शिक्षा ले रहे हैं वहीं बच्चों के अभिभावक इस
क्लास को लेकर काफी खुश हैं और उनका कहना है कि विद्यालय के छोटे बच्चे पढ़ नहीं पाते ऐसे में बाबूजी के प्रयासों से उनके बच्चों को पढ़ाई का एक ठिकाना मिल गया है अध्यापक कैलाश चंद पढ़ाई के साथ में ही बच्चों को प्रेरणास्पद कहानियां भी सुना देते हैं जिससे बच्चों का मन लगा रहता है ।